4 min listen
Shiv Hriday Stotram शिव हृदय स्तोत्रम्
FromRajat Jain ? #Chanting and #Recitation of #Jain & #Hindu #Mantras and #Prayers
Shiv Hriday Stotram शिव हृदय स्तोत्रम्
FromRajat Jain ? #Chanting and #Recitation of #Jain & #Hindu #Mantras and #Prayers
ratings:
Length:
16 minutes
Released:
Nov 7, 2020
Format:
Podcast episode
Description
Garbh Kalyanak गर्भकल्याणक ◆ जाके गर्भ कल्याणक धनपति आइयो |
अवधिज्ञान-परवान सु इंद्र पठाइयो ||
रचि नव बारह योजन, नयरि सुहावनी |
कनक-रयण-मणि-मंडित, मन्दिर अति बानी ||
अति बनी पौरि पगारि परिखा, भुवन उपवन सोहये |
नरनारि सुन्दर चतुर भेख सु, देख जनमन मोहये ||
तहं जनकगृह छहमास प्रथमहिं, रतन-धारा बरसियो |
पुनि रुचिकवासिनि जननि-सेवा करहिं सबविधि हरसियो |2|
सुरकुंजर-सम कुंजर, धवल धुरंधरो |
केहरि-केशर-शोभित, नख-शिख सुन्दरो ||
कमला-कलश-न्हवन, दुइ दाम सुहावनी |
रवि-शशि-मंडल मधुर, मीन जुग पावनी ||
पावनि कनक-घट-जुगम पूरण, कमल-कलित सरोवरो |
कल्लोल माला कुलित सागर, सिंहपीठ मनोहरो ||
रमणिक अमरविमान फणिपति-भवन भुवि छवि छाजई |
रुचि रतनराशि दिपंत-दहन सु तेजपुंज विराजई |3|
ये सखि सोलह सुपने सूती सयनही |
देखे माय मनोहर, पश्चिम रयनही ||
उठि प्रभात पिय पूछियो, अवधि प्रकाशियो |
त्रिभुवनपति सुत होसी, फल तिहँ भासियो ||
भासियो फल तिहिं चिंत दम्पति परम आनन्दित भये |
छहमास, परि नवमास पुनि तहं, रयन दिन सुखसों गये ||
गर्भावतार महंत महिमा, सुनत सब सुख पावहीं। भणि रुपचन्द सुदेव जिनवर जगत मंगल गावहीं |4|
अवधिज्ञान-परवान सु इंद्र पठाइयो ||
रचि नव बारह योजन, नयरि सुहावनी |
कनक-रयण-मणि-मंडित, मन्दिर अति बानी ||
अति बनी पौरि पगारि परिखा, भुवन उपवन सोहये |
नरनारि सुन्दर चतुर भेख सु, देख जनमन मोहये ||
तहं जनकगृह छहमास प्रथमहिं, रतन-धारा बरसियो |
पुनि रुचिकवासिनि जननि-सेवा करहिं सबविधि हरसियो |2|
सुरकुंजर-सम कुंजर, धवल धुरंधरो |
केहरि-केशर-शोभित, नख-शिख सुन्दरो ||
कमला-कलश-न्हवन, दुइ दाम सुहावनी |
रवि-शशि-मंडल मधुर, मीन जुग पावनी ||
पावनि कनक-घट-जुगम पूरण, कमल-कलित सरोवरो |
कल्लोल माला कुलित सागर, सिंहपीठ मनोहरो ||
रमणिक अमरविमान फणिपति-भवन भुवि छवि छाजई |
रुचि रतनराशि दिपंत-दहन सु तेजपुंज विराजई |3|
ये सखि सोलह सुपने सूती सयनही |
देखे माय मनोहर, पश्चिम रयनही ||
उठि प्रभात पिय पूछियो, अवधि प्रकाशियो |
त्रिभुवनपति सुत होसी, फल तिहँ भासियो ||
भासियो फल तिहिं चिंत दम्पति परम आनन्दित भये |
छहमास, परि नवमास पुनि तहं, रयन दिन सुखसों गये ||
गर्भावतार महंत महिमा, सुनत सब सुख पावहीं। भणि रुपचन्द सुदेव जिनवर जगत मंगल गावहीं |4|
Released:
Nov 7, 2020
Format:
Podcast episode
Titles in the series (100)
Shri Guru Stotram श्री गुरु स्तोत्रम् by Rajat Jain ? #Chanting and #Recitation of #Jain & #Hindu #Mantras and #Prayers